बोलो साजन( गीत)
बोलो साजन( गीत)
बोलो साजन क्या तुम मेरा यूं ही साथ निभाओगे ।
जब-जब रूठूँगी मैं तुमसे तब-तब मुझे मनाओगे ।।
सज-धज कर मैं राह निहारूँ, रोज लेट तुम आते हो;
बिना मुझे तुम प्यार किए ही,अब तो घर से जाते हो;
चिकनी चुपड़ी बातों से अब,नहीं मुझे बहलाओगे।।
बोलो साजन कब तक मेरा, यूँ ही साथ निभाओगे।..
सनम तुम्हारी अनदेखी ने, कितना हमें रुलाया है;
जीवन बगिया खिली नहीं औ, मन भँवरा मुरझाया है;
सदियाँ बीती युग भी बदले,कब तुम आस बँधाओगे।।
बोलो साजन कब तक मेरा,यूँ ही साथ निभाओगे।.
