मैं आज भी यकीं करता हूँ मैं आज भी यकीं करता हूँ
इस खूबसूरत एहसास को क्या नाम दूँ इस खूबसूरत एहसास को क्या नाम दूँ
बीड़ी- सिगरेट का धुआँ तो वो मेरी भी सांसों में भरता है। बीड़ी- सिगरेट का धुआँ तो वो मेरी भी सांसों में भरता है।
तुम साँसो में जब नाम उसका सौ दफा दोहराते हो तुम साँसो में जब नाम उसका सौ दफा दोहराते हो
कीमत अपने ज़िम्मेदारियों से तोल रहा था, कीमत अपने ज़िम्मेदारियों से तोल रहा था,
इक दूसरे की साँसों के गुलकंद को चखने की इक दूसरे की साँसों के गुलकंद को चखने की