इश्क़ का जुनून..
इश्क़ का जुनून..
दर बदर की राहों पर
इश्क़ ऐसे ही मिलता नहीं
करनी पड़ती है
शिद्दत से इबादत
यूँ माँगने से खुदा झुकता नहीं
तुम साँसो में जब नाम उसका सौ दफा दोहराते हो
तब कही जाकर उसकी एक धीमी झलक पाते हो
जब जन्नतों को दुत्कार कर
उसकी मन्नतें करते हो
तभी तो ये तड़प का दरिया
उस सुकून की झिल से मिल जाता है...
सच कहते है आशिक के इबादत करनी पड़ती है
इश्क़ के जुनून के खातिर
खुदाई से बगावत करनी पड़ती है..