यकीं कर लेता हूँ
यकीं कर लेता हूँ
बुरी आदतें तो सब में होती हैं,
मुझमें भी कई हैं,
लोग पता नहीं कैसे सुधार लेते हैं,
मुझे तो बुरी आदत भी विश्वास करने की हुई ।
अकसर यकीं कर लेता हूँ लोगों पर,
न जाने कैसा इंसान हूँ मैं
यहाँ तो लोग फिर भी सौ बार सोचते हैं,
और सीधा ही यकीं कर लेता हूँ में,
हर बार यकीं किया,
हर बार मौका मिला,
सिख से भी ना सीखा,
हर बार खुद से धोका किया ।
ये बड़ी संगीन बीमारी हैं,
जो कभी खत्म ना होगी,
टूट जाऊंगा मैं
तब शयद ये कहीं शांत होगी ।
चलो इस बात पे भी यकीं कर लिया,
कि ये शांत तो होगी,
मेरा क्या हैं,
मैं आज भी यकीं करता हूँ,
मैं कल भी यकीं करूँगा,
अगर फिर भी कुछ ना समझ आया,
तो साँसों के साथ साथ यकीं करना भी छोड़ दूंगा ।