ज़िन्दगी को यहीं अपलोड करेंगे
ज़िन्दगी को यहीं अपलोड करेंगे
जीवन में टेक्नोलॉजी का आना,
जैसे प्यासे को पानी का मिल जाना,
चीज़ो का हदसे आसान हो जाना,
बिन रुके हमेशा चलते जाना।
वक़्त बचना,
हर एक दिन कुछ नया देखना,
बस अब तो सिर्फ ऐप अपडेट करना,
और सारा काम चुटकी बजाते हो जाना।
कभी चिंतित करती है ये सारी बातें,
इंसान का यूँ आलसी हो जाना,
बस टेक्नोलॉजी पे ही निर्भर रहना,
शारीरिक श्रम तो दूर,
खुद उठ के खाना तक ना बनाना।
हर वक़्त मोबाइल की स्क्रीन से चिपके रहना,
काम में इतने मशगूल,
कि खुद को ही भूल जाना,
बाहर कहीं घूमना तो ठीक,
पर अपने कमरे से ही बाहर ना निकलना।
वो दौर भी दूर नहीं जब ये हमपे राज करेंगे,
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हम शिकार बनेंगे,
शयद तब कुछ वक़्त बच जाए हमारे पास,
या तो मर लेंगे,
या तो बची खुची ज़िन्दगी जी लेंगे ।
पर फिर भी कोई बात नहीं,
हम इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प की स्टोरीज़ पे ही रहेंगे,
क्या करें अब,
आलस के जो मारे हैं,
अपनी ज़िन्दगी को यहीं अपलोड करेंगे ।
