पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
किस्सा एक सुनाती हूँ,
उस दिन का जब देखा,
पहली बार किसी ख़ास को !!
दिल की धड़कने तेज होने लगी,
जान सी जैसे जाने लगी,
पलकें उठाने को राज़ी न हो,
पर देखने को बेकरार,
एक अजीब सी कशमकश थी !!
पहले सुना था ,
वो जो एक तुम्हारे लिए बना होता है,
अगर मिलता है तो पियानो बजता है,
पर यहाँ तो सब कुछ बज रहा था !!
उन्होंने बोला कुछ तो खा लो,
कैसे कहूँ की खाना तो दूर की बात,
मेरा तो दिल ही थम सा गया है,
हाथ -पैर नम हो गए !!
नज़रें झुकी हुई,
धड़कने बढ़ी हुई,
कानों में सिर्फ उनकी बातें चलती रही !!
आस पास सब लोग थे,
पर मैं सिर्फ एक पर ही थी अटकी,
जब उन्होंने बोला,
कुछ पूछना है,
ज़बान लड़खड़ाने लगी,
लड़खड़ाती ज़बाँ से निकला "हाँ "
और सिर ने इशारा किया "ना "
क्या करूँ दिल और दिमाग ,
दोनों अलग चल रहे थे !!
दिल तो बस उनकी और भागे जा रहा था,
दिमाग था जो कह रहा था,
थोड़ा ठहरो जान तो लो !!
जब उन्होंने शादी के लिए बोला " हाँ "
तो मानो मुझे मिल गया मेरा जह
ॉं !!
वक़्त आया अब जाने का,
दिल ने बोला थोड़ा और ठहर जाओ,
तसल्ली से बातें तो करो,
मेरी नज़रों को उठने तो दो,
थोड़ा सा निहारने तो दो !!
जब पहली बार फूलों का गुलदस्ता मिला,
तो आँखों से ख़ुशी के आँसू झलके थे,
डर लगता था इतना प्यार मिलने पर,
कहीं खुद की नज़र न लग जाये !!
विवाह हुआ, एक गहरे नाता बना,
भगवान का ही दूत मुझे मिला,
क्योंकि मुझे उन में भगवान का ही रूप दिखा !!
विवाह (वी वाह ) दो शब्दों के मिलान से एक शब्द बना है,
या फिर यह कह लो दो आत्माओं के मिलन से,
जब मैं और तुम से,
हम (वी) हो जाते हैं,
तो जिंदगी भी वाह-वाह हो जाती है!!
वो दिन से आज तक,
कहने को हो गए आठ साल,
पर बात वही है,
आज भी आँखें नहीं मिला पाती,
डर लगता है,
अगर नज़र मिल गयी,
तो डुब जाऊंगी उन्हीं में,
खो जाऊंगी उनकी नज़रों में ही !!
यह रिश्ता बड़ा ही मनभावन है,
लड़ते है, झगड़ते है,
फिर भी एक दूसरे के लिए जीते है,
एक दूसरे की ख़ुशी के लिए सब कुछ करते है !!