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Ruchi Rachit Singla

Abstract

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Ruchi Rachit Singla

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अहसास

अहसास

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गरम चाय की प्याली,

पेन की स्याही,

दिल में एहसास,

बना देते है एक कवि को ख़ास,


कविता का हर शब्द,

नहीं है सामान्य,

चाहे हो किसको मान्य या अमान्य,

ये है कवि के दिल की जुबान,


यह एहसासो का दर्पण,

शब्दों में होता अर्पण,

यह ही मेरा मेरी कलम को तर्पण!!


हर बोझ होता हल्का,

जब मेरा मन,

मेरी कलम में छलका!!


न रुकी है, न रुकेगी ये कलम,

क्यूंकि जब तक है स्वास,

तब तक रहेंगे एहसास !


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