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Rajeev Ranjan

Romance

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Rajeev Ranjan

Romance

कौन सही-कौन ग़लत

कौन सही-कौन ग़लत

2 mins
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कुछ तुमने तोड़ा ,कुछ हमने तोड़ा

यानी हम दोनों ने मिलकर तोड़ा 

अपने इस प्रेम की मर्यादाएं

मर्यादाओं को बांधी कुछ कसमें 

और कसमों को निभाने वाली कुछ रस्में

अब इश्क़ हमारा रीता -रीता है 

सावन में भी पतझड़ का आंसू पीता है

पर ज़िंदा है_ इतना मरकर भी 

मेरी सांसों से _मेरी कसमों से 

मेरे गीतों से _मेरे नगमों से

याद है _ अरे हां केसे भूल सकती हो?

उस पनघट के किनारे _पीपल के उस छाव में 

जहां जवां हुआ था इश्क़ हमारा निष्ठा के चाव में 

मेरी हथेली खींच कर तुम , अपनी हथेली का समर्पण दे

अपने पलकों को झुकाकर जरा सा मुस्कुराकर

मुझसे एक कसम ली थी _

की उम्र भर मेरा साथ निभाना ,

कभी नहीं मुझसे दूर जाना

सुख - दुःख के सारे मौसम 

हमनवां मेरे साथ बिताना ....

शायद मैंने भी तुमसे यही कसमें ली थी _

हम दोनों ने हामी भरा था .....

चाहे कुछ भी हो जाए ,

क्यों न ज़िन्दगी मौत हो जाए 

तुमको चाहे हैं -तुमको चाहेंगे 

फासलों की हर सरहद झुकाएंगे....


मैं तो अटल हूं अपने इस इरादे पर 

शायद तुम ही भूल गई ...२


कल तक मुझे हम राही कहती थी 

अपनी परछाई कहती थी,

मेरे इश्क़ में राधा -मीरा सी ,

मग्न हरदम रहती थी......

पर क्या हुआ ओ मीरा 

तेरा वैराग्य कहां ...

मैं तो आकर्षण था 

तेरा भाग्य कहां .??.....

ओ राधा री ...

तू पास बहुत _तू दूर बहुत है 

मेरे गीतों में तू मशहूर बहुत है

हाय तेरी जुदाई हाय तेरी यादे

दिल करता है बस तेरी ही फरियादें

तू कलयुग की राधा ठहरी 

तेरे हज़ार कृष्ण....

पर सुन ले -'ओ राधे

"तू एक ही मेरी राधा है"...

मैं बाट सकू ना प्यार तुम्हारा 

मेरे दिल का तू अधिकारी है

तेरे सजदे में मैंने,

अपनी सारी सुध- बुध हारी है । 

बिखर गया हूं आ संवार दे 

झूठा ही सही पर प्यार दे 

मेरे आंखो को अपने मुख का दर्शन दे दे 

जरा सा दीदार का कंचन दे दे

अरे हां सुना है आजकल तुम व्यस्त व्यस्त रहती हो

व्यस्त -व्यस्त क्या व्यस्त? बड़ी मस्त मस्त रहती हो

कल तक तो तुम मेरे लिए जीती थी....

अब किसका ख़्वाब सजाती हो.....???

अब किसके नगमें गाती हो......???



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