चंदन से प्यारा है मिट्टी .....
चंदन से प्यारा है मिट्टी .....
ये धरती है कृष्ण- राम- गौतम महान की
चंदन से प्यारी है मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की
दुनियां को हमने प्रेम का पाठ पढ़ाया है
विश्व गुरु बनकर सत्य की राह दिखलाया है
नदियां झरने गाती गाथा यहां प्रेम में कुर्बान की
चंदन से प्यारा है मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की
कुदरत का उद्गम यहीं है_ हर मौसम निराला है
हर घर यहां मंदिर सा है _हर घर शिवाला है
सुबह शाम होती जयकारा यहां ईश्वर के आह्वान की
चंदन से प्यारा है मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की
हर मानव यहां मानवता का पुजारी
सभ्यता का उपासक है
एक दूजे का ढाल है
धर्म नीति का पालक है
वसुधैव कुटुम्बकम् हमारे संस्कार का नारा है
हर्ष का बहार है बारहों महीना चारो ओर उजियारा है
यहां बहती दसो दिशाएं हवाएं
दिव्य ऊर्जा संचारक प्राण की
चंदन से प्यारी है मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की
हरपल है खुशियों की लड़ी
हर दिन त्योहार है ,
प्यार का ये दरिया है
यहां प्यार ही प्यार है
युगों युगों तक ऋषियों मुनियों ने
अपने तप से इस भूमि को सींचा है
स्वर्ग से सुंदर सबसे प्यारा
मेरा वतन इस धरा का बगीचा है
हम भारतवासी अपने वतन को
मां सा सम्मान हैं देते
इसकी आन को इनकी आबरू खातिर
हम हसते हंसते जान दे देते
लहराता रहे तिरंगा सदा परचम हमारे शान की
चंदन से प्यारी है मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की
