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Rajeev Ranjan

Others

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Rajeev Ranjan

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पाप से भरा वसुंधरा

पाप से भरा वसुंधरा

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हे ईश्वर हरिशर -शंकर 

पाप से भरा वसुंधरा

कुकर्मियों का साम्राज्य हुआ

सत्य -ईमान बेबस पड़ा


हे ईश्वर हरिशर -शंकर 


चारों ओर जुल्म चहकता 

रक्त की नदियां बहती है

असत्य का जयकार होता

मानवता सिसकती है२


हे ईश्वर हरिशर -शंकर 


मानव रूप में दानव छाए

भ्रष्टमतीयो का परचम लहराए

मिटा रूप भेद देव - दानव का 

मिटा रंग का अंतर.......

हे ईश्वर आदि शंकर 


हे ईश्वर हरिशर -शंकर 


रावण राज कंश राज 

दोनों एक साथ आया.....

अमन धधकता मौन रहता ....

घोर प्रचंड अंधेरा छाया


 हे ईश्वर हरिशर -शंकर ......


आंसू का घुट पीता प्रेम है...

कपट का बोलबाला है

अमृत बनकर जो ललचाता 

वो विष का प्याला है


कदम कदम पर ठोकर है 

है छल का कंकर

हे ईश्वर आदि शंकर ......२


यहां दुशासन द्रोपदी का 

सरेआम केस नोच रहा .....

भीष्म, द्रोण, कृप, मौन मूर्त हो

जानें क्या गणित सोच रहा....


भाई - भाई में तकरारों का

प्रतिशोध ज्वाला फुट रहा

हर रक्त का बंधन धन के सर्त पे 

नाजुक होकर टूट रहा .....


हर मुखड़ों का दो चेहरा है

विश्वास के दर पे घात का पहरा है

तन के उजले मन के मेले ....

झूठा प्रेम का खेल है खेले ....

कर संहार दानवमती का ......

है पिंगलाक्ष प्रलयंकर...

हे ईश्वर हरिशर -शंकर !



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