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Ritu Das

Romance

4  

Ritu Das

Romance

कभी-कभी..

कभी-कभी..

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कभी-कभी तुम्हारी बहुत याद आती है, 

मगर सिर्फ कभी-कभी.. 


सोचती हूंँ तुम कहां हो, क्या कर रहे हो, क्या सोच रहे हो और किसके साथ हो? 

सोचती हूंँ क्या तुम्हें भी मेरी याद आती है? 

और अगर आती भी है तो क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में?

अपनी जिंदगी का एक हसीन पन्ना, 

या फिर किसी रात देखा हुआ एक बुरा सपना? 

सोचती हूंँ क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में, 

कि, चलो अच्छा ही हुआ अब नहीं है वह यहां, 

या, वैसे थी तो थोड़ा पागल पर पता नहीं अब है कहा! 


मुझे याद है वह सितंबर का महीना,

जब तुम और मैं 'हम' हुए थे, 

सोचती हूंँ उस दिन में और आज में क्या अलग है-

जो आज हम अलग है.. 

सोचती हूंँ कि आज तुम जिसके साथ हो, 

क्या वह तुम्हें मेरे जितना प्यार करती है? 

सोचती हूंँ क्या खास बात है उसमें जो मुझमें नहीं है? 


सोचती हूंँ क्या किसी रात तुम्हें यूं ही अचानक अंधेरे में

मेरा चेहरा नजर आता है? 

सोचती हूंँ क्या कभी भीड़ में किसी को देखकर

मेरी हर बात याद आती है? 

फिर कभी जब रोशनी चली जाती है और अंधेरा चला आता है, 

तब खुद को अकेले पाकर मेरी खामोशी तुम्हें याद आती है? 

क्या वह अंधेरा तुम्हें सोचने पर मजबूर कर देता है कि हम जुदा क्यों हुए? 

क्या वह तुम्हें सोचने पर मजबूर कर देता है कि, 

अब तो मेरे जाने के बाद बहुत दिन बीत गए.. 


मैं जानती हूंँ कि मेरे लब्ज़ तुम्हें चोट पहुंचा सके इतने सख्त नहीं, 

मैं जानती हूंँ कि आज तुम्हारे पास मेरे लिए वक्त नहीं, 

पर फिर भी अगर कभी समय मिले खुदसे, 

तो सोचना क्यों मिले थे तुम मुझसे? 

क्या यूंही जिंदगी के किसी मोड़ पर हर किसी की तरह मिल गए थे हम? 

या फिर जिंदगी भर का साथ लिए मिटाने आए थे मेरे हर गम? 

क्या सिर्फ मेरी पहली पहली मोहब्बत थे तुम?

सच कहूं तो अब हर रोज की आदत हो तुम.. 


तुम उन फूलों की महक जैसे हो, 

जिन्हें छुआ नहीं बस महसूस किया जा सकता है,

तुम उस आसमान के हीरो जैसे हो, 

जिन्हें पाया नहीं बस देखा जा सकता है.. 

कभी-कभी तुम्हारी बहुत याद आती है,

मगर सिर्फ कभी-कभी.. 


सोचती हूँ कि, 

क्या आज भी तुम गुस्से में हंस देते हो?

या फिर पहले की तरहा बात बात पर रूठ जाते हो?

सोचती हूंँ कि क्या आज भी तुम्हारी नजरें क्लास में हर वक्त किसी को ढूंढती है?

सोचती हूंँ कि क्या आज भी तुम्हारा दिल किसी के धुन में धड़कती है?

सोचती हूंँ कि क्या तुम्हें भी मेरी याद आती है?

और अगर आती भी है तो क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में? 


कभी-कभी तुम्हारी बहुत याद आती है..। 


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