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Anuradha Negi

Romance

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Anuradha Negi

Romance

चाहत ही तेरी

चाहत ही तेरी

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मैं तो तुझको ही चाहती हूं 

जान ले तू

मेरा तेरे सिवा हैै कोई 

दूजा नहीं।

अपना कैसे बनाऊं तुुझे

तू तो समझ ना पाए मुुझे

क्या करूं???.....

तुझको ही याद करूं

मैं तो तेरी ही ओर मरूं....

तुझको ही याद करूंं...।


सोचती हूं तुझेे जब हो तन्हा रातें

चाहूंं बस तुझसे मेरी हो जाए बातें

तू तो है चैन से सोया वहां

यहां आंखों में नींदें रुकती नहीं

तेरी यादोंं नेे सताया रातों को भी है रुलाया

क्या करूं??......

तुझको ही याद करूंं।


 रोकेे ना रुके नैना .......  

    

  



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