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मोहन सिंह मानुष

Romance

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मोहन सिंह मानुष

Romance

तेरा मेरे लिए होना।

तेरा मेरे लिए होना।

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तेरा मेरे लिए होना,

उतना जरूरी,

जितना जरूरी ,

ज़हान को हवा पानी है,

तू अंजाम है,

मेरे इश्क का ,

तू सुकून है ,

मेरी बैचेनी का,

कम शब्द में कहुं तो

दिल की हसरतें,

तेरी दीवानी है

सांसों के बिना,

कोई कैसे रहे

तू मेरे हाले-दिल की,

कहानी है

तेरा मेरे लिए होना

उतना जरूरी

जितना जरूरी

ज़हान को हवा पानी है!

हंसी हो, खुशी हो,

गम हो या दर्द की झड़ी हो

वक्त की बदहाली में भी ,

तेरी मौजूदगी से ,

मौज-ए-रवानी है

तेरा मेरे लिए होना

उतना जरूरी

जितना जरूरी

ज़हान को हवा पानी है

फर्क नहीं पड़ता

लोगों की चुगलियों का,

तानों का,

बहानों का,

मेरे होठों की थरथराहट की ,

तू ही महज़ जुबानी है

तेरा मेरे लिए होना

उतना जरूरी

जितना जरूरी

ज़हान को हवा पानी है!



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