STORYMIRROR

Dr Manisha Sharma

Romance

4  

Dr Manisha Sharma

Romance

तेरे बगैर

तेरे बगैर

1 min
267


ना करो इतना प्यार कि सह ना सकूँ

रहना पड़े तेरे बगैर तो रह ना सकूँ।


जज़्बात भरे हैं सीने में मेरे भी बहुत

लफ्ज़ मिलते हैं मगर कह ना सकूँ।


नादानियाँ ज़िन्दगी में कई की हैं हमने

दिल पत्थर कर लिया कि ढह ना सकूँ।


हवायें ज़ोर की चली हैं समंदर में आज

बन जाओ तुम पतवार कि मैं बह ना सकूँ।


हर ज़र्रे में दिखता है अक्स तेरा ही मुझे

इतने भी ना बिखरो कि तुम्हें तह ना सकूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance