सुर्ख होठो से तेरे मुस्कुराहट मिटने न दूंगा, तेरी नादानियों को हँसते-हँसते सह लूंगा सुर्ख होठो से तेरे मुस्कुराहट मिटने न दूंगा, तेरी नादानियों को हँसते-हँसते सह...
वो प्यारी सी नन्ही सी पंखुड़ी वो मेरे घर-आँगन की बिटिया कहलाती है। वो प्यारी सी नन्ही सी पंखुड़ी वो मेरे घर-आँगन की बिटिया कहलाती है।
याद आती है बचपन की वो मासूम नादानियाँ, खट्टे- मीठे पल ढेर सारी मस्ती और शैतानियाँ। याद आती है बचपन की वो मासूम नादानियाँ, खट्टे- मीठे पल ढेर सारी मस्ती और शैतान...
तेरा नाम भी लिख दूँ तो ... ग़ज़ल म़खदूम होती है। रोज सजती हैं महफिल यादों की बड़ी धूम तेरा नाम भी लिख दूँ तो ... ग़ज़ल म़खदूम होती है। रोज सजती हैं महफिल यादों की ...