पहुंचा वह मानस सरोवर, थे खिले कई कमल -दल। कोमल, सुंदर और सरस, सुवासित थे निर्झर कल पहुंचा वह मानस सरोवर, थे खिले कई कमल -दल। कोमल, सुंदर और सरस, सुवासित थ...
क्या तुम आओगे इस बार, सचमुच गले लगाओगे इस बार। क्या तुम आओगे इस बार, सचमुच गले लगाओगे इस बार।
खुश थे हम भी खुशी बनाते हुए आपको ज़िन्दगी बनाते हुए। खुश थे हम भी खुशी बनाते हुए आपको ज़िन्दगी बनाते हुए।
पूरे तन-मन में जैस श्रृंगार से लिपटी लरजिश की अकल्पित भावना दौड़ी हो! पूरे तन-मन में जैस श्रृंगार से लिपटी लरजिश की अकल्पित भावना दौड़ी हो!
वो प्यारी सी नन्ही सी पंखुड़ी वो मेरे घर-आँगन की बिटिया कहलाती है। वो प्यारी सी नन्ही सी पंखुड़ी वो मेरे घर-आँगन की बिटिया कहलाती है।
मैं तुम्हारे ख़्यालों में गुंथकर, गुलकंद बन जाऊं... मैं तुम्हारे ख़्यालों में गुंथकर, गुलकंद बन जाऊं...