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Vimla Jain

Romance

4.7  

Vimla Jain

Romance

अजनबी जो जान से प्यारा हो गया

अजनबी जो जान से प्यारा हो गया

1 min
234


यह जिंदगी भी क्या अजीब है

कैसे-कैसे खेल खिलाती है

कल तक जो हमारे लिए अज्ञात थे। 

जब मिले तो कितने अपने हो गए।

 कि हम अपने आप को भूल गए।

जब तुम मिले हमसे

एकदम अजनबी थे।

मगर एक ही क्षण में इतने प्यारे लगने लगे।

इतने अपने लगने लगे।

कि अजनबीपन तो कहीं भाग गया

और सबसे अपने लगने लगे।

और वह एक ही क्षण अपना जिंदगी भर का प्यारा साथ बन गया।

और हमारी जिंदगी गुलजार करता गया।

हे ईश्वर से यही प्रार्थना यह साथ हमारा हमेशा ऐसे ही रहे।

जीवन के आखिरी सांस तक इस

जीवन में तुम्हारे साथ जिंदगी यूं ही कुछ गुलजार होती रहे।



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