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Indraj meena

Romance

4  

Indraj meena

Romance

ए शहर जरा सा हंस दे तू

ए शहर जरा सा हंस दे तू

1 min
422



सर्दी गुजरी ये गर्मी गुजरी

इंतजार किया हर लम्हा ,

दिवाली सा जगमग हो जा

कोने कोने संगीत तू बजा,

ए शहर जरा सा हंस दे तू

मेरा प्रियतम आने वाला है।


फूलों सी महक है उसकी हंसी

नदियों सी मधुर मुस्कान लिए,

सागर सा निश्छल हदय लिए

बारिश में भीगी है वो मृदलता

ए शहर जरा सा हंस दे तू

मेरा प्रियतम आने वाला है।


सावन में भीग ये पलके मेरी

मौसम भी मधुर संगीत सुनाएं,

कोयल भी कूक रही नभ में

मेरी आंखे भी भीगी जाएं

ए शहर जरा सा हंस दे तू

मेरा प्रियतम आने वाला है।


आज जगना हैं तुझे बजना है

मेरे शहर रात्रि में चलना है ,

सुनी हो संगीत सजी सड़के

महके हवा तेरी गालियों में

ए शहर जरा सा हंस दे तू

मेरा प्रियतम आने वाला है।


नाजुक सी भावुक है प्रिय

मेरे दिल का दर्द है प्रिय,

इस शहर में हो उनके कदम

जरा स्नेह रंग के बरसाना

ए शहर जरा सा हंस दे तू

मेरा प्रियतम आने वाला है।


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