तुम्हारी यादें ही तो एक सहारा
तुम्हारी यादें ही तो एक सहारा
तुम बिन मेरे दिल का वो कोना
खाली है आज भी
जिसमें दफ़न कर रखा है
यादें और खुशबू हमारे प्यार की।
तुम वज़ूद में ना होकर भी
मौजूद मेरी ज़िन्दगी में
तुम बिन हर खुशी मुझसे अनजान
इस मतलब परस्त संसार की।
आस लगाए बैठा है ये दिल
कभी तो तुम आओगी
जबकि जानता है ये दिल
कोई सुबह नहीं इस इंतजार की।
तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना
खूबसूरत सा था फ़साना
आज भी याद है वो शाम
हमारी मोहब्बत के इज़हार की।
आज भी यादों में सहेज रखा है
तुम्हारी उन प्यारी सी बातों को
जिसकी खनखनाहट में
तस्वीर बुनता हूंँ हमारे प्यार की।
तुमसे किया वादा तो निभा ना सका
पर एक वादा ज़रूर निभाऊंँगा
आखरी सांँस तक इस दिल में
तेरा नाम रहेगा कसम हमारे प्यार की।
मेरे ख़्वाबों में रंग भर कर
तुम चली गई सदा के लिए ख़्वाब बनकर
ढूंँढ रहा हूँ इश्क़ की गलियों में तुम्हें
जहांँ खुशबू बसी है तुम्हारे प्यार की।
लिखा गया जिसमें प्यार का अफसाना
गुज़र गया वो सावन सुहाना
तुम्हारे बिना तो चुभन सी लगती है
हर एक बूंद, सावन के फुहार की।
चली जाती जो रूठकर तुम कुछ पल के लिए
तो मना कर ले आता वापस
पर उस जहांँ से कैसे ले आऊंँ तुम्हें
आखिर कैसी ये परीक्षा है प्यार की।
तुम्हारी यादें ही तो एक सहारा
मेरी इस बिखरती हुई ज़िन्दगी का
कोई रंग भाए न अब इन आंँखों को
बस तलब है इसेे तुम्हारे ही दीदार की।

