आहट तेरे आमद की
आहट तेरे आमद की
तेरी मोहब्बत की बूंदों में भीग रहा है, ये मन मेरा,
तेरा एहसास ही तो वज़ह है, यूँ बेवजह मुस्कुराने की।
आहट तेरे आमद की महसूस कर रहा है, ये दिल मेरा,
नई फुहारों से धड़कनों को मिली ख़बर, तेरे आने की।
गहरा होता गया और भी तेरे इश्क का रंग, हर इंतजार में,
तेरी याद में ही जीऊँ हर लम्हा, मुझे सुध कहाँ ज़माने की।
ख़त्म होने को है इंतजार, आने को है पल, तेरे दीदार का,
आकर समा जाना दिल में, फिर बात ना करना जाने की।
कह रही है ये बरसात, सुन कोई पुकार रहा तुझे, दिल से,
अब घड़ी आ गई भीगी हुई यादों को हकीकत बनाने की।
रोशन हुए हैं चिराग हजारों, आज दिल की दहलीज पर,
पलकें भी बेचैन हैं कर रही तैयारी, नए ख्वाब सजाने की।
गुनगुना रहा दिल, निहारे कभी फ़िजाओं, कभी राहों को,
ये मसाफ़त अब सही ना जाए, है बेकरारी पास आने की।
ख़त्म करो ये इज़्तिरार अब, तुम्हारे आने की आस में तो,
कब से आरज़ू लिए बैठा दिल कुछ सुनने कुछ सुनाने की।