Tanha Shayar Hu Yash

Romance

4.0  

Tanha Shayar Hu Yash

Romance

एहसास

एहसास

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तुम हो सुबह मेरी शाम मेरी , 

जिंदगी का इनाम मेरी ...

जिसे देखकर सपनों में भी रुक जाता हूँ , 

तुम हो वोही विराम मेरी । 


तुम हो मुस्कान का जहान मेरी , 

जिंदगी में मेहमान मेरी ....

जिससे साँसों में महक उठे खुशबु , 

तुम हो वोही गुलिस्तान मेरी । 


तुम हो अंधेरो में उजाला मेरी , 

रात का हो चाँद मेरी ...

जिसकी होती मंदिरों में पुजा अर्चना 

तुम हो वोही मुर्त मान मेरी । 


तुम हो आवाज अदांज मेरी , 

जिंदगी को जोड़ता राग मेरी ...

जो नाचे गूंजे हृदय के तल पर 

तुम हो वोही जीवन आधार मेरी । 


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