आओ तो सही
आओ तो सही
साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ…
दिल लगाने न सही, दुखाने तो आ।
सुना है दर्द ने तुझसे, राहत माँगी है…
हँसाने न सही, रुलाने तो आ !
तुझे मोहब्बत हो गई है, किसी और से मेरे मोहल्ले में..
दिल मुझसे न सही, उसी से लगाने तो आ !
मिज़ाज बदल के बातें, मुझसे करती हो क्यों…
मुझसे जी भर गया है, ये बताने तो आ !
कब तलक झूठी मोहब्बत को, पनाह देती रहोगी…
घर की छोड़ मेरे, अपना बसाने तो आ !
तुझे न मुझसे, न मेरी मोहब्बत से, सुकूं मिलता है..
खुशी किसमें है तेरी, ये बताने तो आ!!

