STORYMIRROR

saru pawar

Romance

3  

saru pawar

Romance

तू कहे तो

तू कहे तो

1 min
189

तू कहे तो छोड़ दूं सारी सारी यादें मेरी             

जो बचपन की सुनाती है मुझे अपनी ही कहानी    

तू जो कहें छोड़ दूं ओ मायके का आंगन            

जो आज भी हे बुलाता मुझे प्यार से            

तू जो कहे छोड़ दूं ओ पहचान मेरी                 

जो थी तुझसे मिलने से पहले मेरी            

हूँ कहाँ मैं आजकल जानूँ जानूँ ना ये मेरे सजन        

है बटीं हुई दो दहलीजों में जिंदगी मेरी        

ना छोड़ पाऊँ पूरा और ना अपना सकूँ ये भी शायद पूरा

हाँ मगर तेरे लिए ही है मैंने कुछ कुछ तो छोड़ा

छोड़ी आदतें ,छोड़े सपने अपने              

छोड़ी जिद या कुछ चाहते                 

छोड़े माँ बाप और उनकी हसरतें जो मुझसे थी कभी    

और कुछ जो भी बाकी रहा                

छोड़ दूं ओ सबकुछ भी तू जो कहे --


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance