कल फिर नई सुबह होगी कल फिर नई सुबह होगी
जो तुम ना होते... ना होती सुबह हसीन, शामे रंगीन। जो तुम ना होते... ना होती सुबह हसीन, शामे रंगीन।
हर शाम थक कर लौटती हूँ मैं पर हर सुबह निकल पड़ती हूँ हर शाम थक कर लौटती हूँ मैं पर हर सुबह निकल पड़ती हूँ
बहुत कम पढ़ा पर बहुत समझ गया तुम्हें कभी लिखा नहीं! लिखने की कोशिश में हूँ। बहुत कम पढ़ा पर बहुत समझ गया तुम्हें कभी लिखा नहीं! लिखने की कोशिश में हूँ।
सुबह से शाम बहुत याद किया है तुम्हें हर पल तस्वीर से तुम्हारी बातें की है! सुबह से शाम बहुत याद किया है तुम्हें हर पल तस्वीर से तुम्हारी बातें की है!
कोई ठिकाना अब न रहा कोई यक़ीन बाकी न रहा कोई ठिकाना अब न रहा कोई यक़ीन बाकी न रहा