जीवन की साँझ
जीवन की साँझ
साँझ हुई इस जीवन की
दिन ढला पता ना चला
अब आए करने सफ़र
तो कोई हमसफर ना रहा
सूरज ले रहा विदा अब
निकले हम बेफिक्र जब
कोई ठिकाना अब न रहा
कोई यक़ीन बाकी न रहा
संध्या हमें पुकार रही हैं
मिलने को आतुर कही
जीवन बीता जा रहा
धुंधलका छा रहा
हमें इंतज़ार है अब
शाम गुजर जाने का
जीवन में होने वाली
एक नई सुबह का
