STORYMIRROR

Indu Tiwarii

Romance

3  

Indu Tiwarii

Romance

छुपन-छुपाई

छुपन-छुपाई

1 min
520

चलो आज खत्म करते हैं

ये चूहा-बिल्ली जैसी दौड़

ये छुपन-छुपाई जैसा खेल

ये आँख-मिचौनी जैसी बातें,

सोचती हूँ आज याद नहीं 

करूंगी पूरे दिन तुम्हें

सोचती हूँ आज कोई एहसास

भी न आने दूंगी अपने पास

सोचती हूँ आज नहीं देखूंगी

कोई बीता हुआ ख्याब,

पर ये क्या आज पूरा दिन

अपने को यही बताने में

तुम याद आते रहे कि

आज तुम्हें याद नहीं करना है!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance