तेरी चाहत मैं मर मिटे है
तेरी चाहत मैं मर मिटे है
दिल कहता है बारबार,
जुदाई मिली है मुझ को
न मिला तेरा ऐतबार।
चाहत ले आयी मुझे इस मोड़ पर
जहाँ से मैं ना लौट पाऊँ,
छोड़ के तेरा दामन
जाऊँ तो मैं कहा जाऊँ।
ग़म ए दुनिया है मेरी
जहाँ मेरा दिल बसता है
इस दिल को ऐसे ना तोड़,
के यह अपना घर का
रास्ता ही भूल जाये।
यह मेरा प्यार है
जो खींचता है
तुझे मेरी ओर,
पर वास्ता है तुझे मेरी
प्यार का
इस प्यार से ऐसे
मुँह ना मोड़।
अगर तुझे जाना है
तो जा
लेकिन मेरी ज़िन्दगी से
ऐसे जा,
के तेरी याद ना तड़पाए
मेरी रूह को।
जान बनके आयी थी
ज़िन्दगी मैं मेरी
हक़ है तुझे जान
मेरी लेने का,
वास्ता है तुझे
ले ले मेरी जान
पर ज़ख्म ना
दे के जा।