ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है
कवि की लिखी हुई ज़ुबाँ है ,
कभी हंसाती तो कभी रुलाती
ऐसी ही कही अनकही दास्तान है
ज़िन्दगी क्या है
ख्वाबो का कारवां है ।
कभी प्यार तो कभी नफरतों की
पहचान है ,
गिरती संभलती ऐसी ही बेजुवान है
ज़िन्दगी क्या है
हमारी कभी पूरी तो कभी अधूरी आशियाँ है ।