anuradha chauhan

Romance

4.0  

anuradha chauhan

Romance

चाँद बना बैरी

चाँद बना बैरी

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कुछ बोल अधर पे आज सजे

नयन प्रीत के भाव दिखे।

पत्थर की मूरत को देखो

मन भावों का ज्वार दिखे।


मानव तन में दिल पत्थर है

उससे तो अच्छी मूरत।

कह लो कितना अपने मन की

बड़ी भली इसकी सूरत।

हो हलचल इसके सीने में

आँखों में संसार दिखे।

कुछ बोल .....


खनक उठे इसकी भी बोली,

हृदय प्रेम के पुष्प खिले।

गले लगा लूँ तुझको अपने,

मन से मन के भाव मिले।

आँखों में मेरे झाँक जरा,

तुझको अँसुवन धार दिखे।

कुछ बोल.....


चाँद बना बैरी हँसता हैं

देख प्रणय की यह बातें।

जाने कितनी बीत गई हैं

बेचैनी में यह रातें।

ढ़लती जाती दिन औ रातें

कैसे विधि ने लेख लिखे।

कुछ बोल.....



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