कहमुकरी छंद
कहमुकरी छंद
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१
ऊपर से वो नरम मुलायम।
अंदर से मजबूती कायम।
गुण उसमें है जरा न मीठा।
ए सखि साजन? ना सखि रीठा!
२
लगता उसका रूप सुहावन।
गुण उत्तम दिखता मनभावन।
देख उसे बीमारी भागी।
ए सखि साजन? ना सखि रागी!
रागी-राई जैसा धान्य जिसकी रोटी बनती है ।