STORYMIRROR

anuradha chauhan

Others

2  

anuradha chauhan

Others

कहमुकरी छंद

कहमुकरी छंद

1 min
374

ऊपर से वो नरम मुलायम।

अंदर से मजबूती कायम।

गुण उसमें है जरा न मीठा।

ए सखि साजन? ना सखि रीठा!

लगता उसका रूप सुहावन।

गुण उत्तम दिखता मनभावन।

देख उसे बीमारी भागी।

ए सखि साजन? ना सखि रागी!


रागी-राई जैसा धान्य जिसकी रोटी बनती है ‌।



Rate this content
Log in