STORYMIRROR

Kishan Negi

Romance

4  

Kishan Negi

Romance

आसमां में बेवफ़ा फलक था

आसमां में बेवफ़ा फलक था

1 min
257


वक्त क्या बदला तू भी बदल गई

मैं आज भी वही हूँ जो कल तलक था

मेरी ज़िन्दगी में जब तेरी आहट हुई

संग तेरे आसमां में बेवफ़ा फलक था


तू गुजरे पल के सिवा कुछ भी तो नहीं

में आज भी अपने अतीत का सुनहरा लम्हा हूँ

तेरे आने से कुछ भी बदला नहीं यहाँ

मैं कल भी तन्हा था और आज भी तन्हा हूँ


दो कश्तियों में जो सवार हुआ है 

कभी नहीं उसको यहाँ किनारा मिला है

जाने से पहले बस इतना बता देना

बंजर भूमि पर भला कब पुष्प खिला है


अंधेरी रातें संवर कर कल फिर आएंगी

अंधेरे को चीरकर सूरज फिर भी निकलेगा

ईश्क की हक़ीक़त भी जान रहा हूँ

तेरी बातों में अब नादान दिल नहीं पिघलेगा


इतना समझदार भी नहीं था कि

तेरी शातिर आंखों की चमक को पढ़ पाता

शायद ख़ुद से ज़्यादा यक़ीन था तुझ पर था

वरना बेवफ़ाई के काले पन्नों से लड़ पाता। 


 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance