सौंदर्य
सौंदर्य
पायल छनकी,
चूड़ी खनकी!
बात अधर पर,
रह गई मन की!
बिंदिया चमके,
नथनी, दमके,
यौवन की मेह,
बरसे जम के!
अधर मधुर हैं,
मादक उर है!
मन में पीड़ा,
मधुर-मधुर है!
सौंदर्य रति सम,
माधुर्य, मधुरम्!
तेरे दर्शन अहो,
मनहर, मनोहरं!
हो तेरा आभास,
रहे, इतने पास!
कि टकराये यूँ,
श्वासों से श्वास!
एक हों मन से,
एक हों तन से!
एक हो जाएँ कि,
हम तत्क्षण से!

