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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

तुम्हें कैसे बताएं हम,हमें कितनी मोहब्बत है।

तुम्हें कैसे बताएं हम,हमें कितनी मोहब्बत है।

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मेरी सांसो में बसती हो, नजर में तेरी सूरत है।

तुम्हें कैसे बताएं हम, हमें कितनी मोहब्बत है।


है तेरा हुस्न कलियों में, और खुशबू तेरी फूलों में।

बहुत तुम खूबसूरत हो जमाने भर में शोहरत है।


गजल कि तुम मेरे उनवान, मेरी शायरी तुम हो।

तू मेरे दिल की धड़कन है मुझे तेरी जरूरत है।


खुशी महसूस होती है तुम्हारे साथ रहने में।

तुमसे दूर रहना अब मेरे दिल पर कयामत है।


तुम्हें पाकर मेरे महबूब अब ख्वाहिश नहीं कोई।

मेरे ख्वाबों के दुनिया की अब तू ही हकीकत है।


बहुत तूफान है दिल में इसे कैसे संभाले अब।

नजर से बात कहती है नजर अब कितनी हैरत है।


मछली के लिए पानी के जैसी ही जरूरत है।

तुम्हारे साथ में रहना यकीनन मेरी चाहत है।


जो दिल में बात आती है उन्हें मालूम होती है।

सगीर इस दिल को उनके दिल से जाने कैसी निस्बत है।


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