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कुमार अविनाश केसर

Abstract Romance

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कुमार अविनाश केसर

Abstract Romance

प्यार का गीत

प्यार का गीत

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प्यार से हमको तुम यूँ पुकारा करो,

आँख में डाल आँखें दुलारा करो।

कि रहे दूरियाँ न तेरे दिल से अब,

ख्याल हर एक पल तुम हमारा करो।


मेरे हृदय में सागर तेरे प्यार का,

रूप मेरे लिए ही सँवारा करो।

ये आँखों के पलकों की हंसीनियाँ,

बस हमारे लिए ही तैराया करो।


ये साँसों की नरमी, घटा जुल्फ की,

लाली, होंठों के रस की, मुस्कान की,

बस, वफा का मिला देना रंग थोड़ा – सा

तो कहानी बनेगी ये हमजान की।


नजदीक आकर न जाना कभी,

मन की तह में उतर, मन से जाना नहीं,

आँसुओं की न बरसात, दिल में कसक,

गुनगुनाती ही रहना, बेगाना नहीं।

आँख मुझसे न तुम यूँ चुराया करो।

पास आकर यूँ मुझको बुलाया करो।

ये होंठों पे, होंठों की रंगीनियाँ,

बस मेरे लिए ही फैलाया करो।


प्यार से हमको तुम यूँ पुकारा करो……

आँख में डाल आँखें दुलारा करो……..


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