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कुमार अविनाश केसर

Children

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कुमार अविनाश केसर

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तितली रानी

तितली रानी

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तितली रानी, तितली रानी, 

कितनी प्यारी लगती हो।

कली-कली पर, फूल-फूल पर,

उड़ती हो, इतराती हो।


इतने सुंदर, रंग - बिरंगे

पंख कहाँ से लायी हो?

सपनों से या परीदेश से,

कहो कहाँ से आई हो?


तितली रानी उड़ती-उड़ती

मेरे घर भी आओ ना।

मेरे घर में आकर अपने 

प्यारे रंग बिखराओ ना।


फुलवारी से तरह - तरह के

फूलों के रंग लाओ ना।

आकर मेरी खिड़की पर तुम

अपने पंख हिलाओ ना।


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