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Dr Sushil Sharma

Children Stories

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Dr Sushil Sharma

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आम(बाल कविता )

आम(बाल कविता )

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कितने सुंदर लगते हैं ये ,

पके पके से आम। 

तोतापरी दशहरी लंगड़ा ,

कर्नाटक बादाम। 

सड़क किनारे पेड़ लगे हैं ,

लटक रहे हैं गोल।  

कुछ सुंदर पीले पीले से ,

कुछ मोटे बेडोल। . 


हवा चली टप-टप-टप टपके ,

मीठे मीठे आम।  

चूस-चूस कर खूब वसूले ,

गुठली के भी दाम। 

थैला भर -भर घर ले आये ,

इसका बने अचार। 

आओ बच्चो आम लगाने ,

का हम करें विचार। 


आम हमें ऑक्सीजन देता 

फल देता भरपूर। 

गुठली भी इसकी गुणदायक 

रोग भगाए दूर। 

आओ इस बरसात में हम सब, 

खूब लगाएँ आम। 

ऑक्सीजन ,फल, साथ मिलेंगे,

गुठली के भी दाम। 



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