STORYMIRROR

Dr Sushil Sharma

Romance

2  

Dr Sushil Sharma

Romance

ये चाँद

ये चाँद

1 min
80


ये जो चाँद है तुमसे जलता है इसलिए चुपचाप रात को निकलता है।

ये चाँद देख कर तुम्हें हाथ मलता है और चुपचाप छत पर टहलता है।

ये चाँद हर दिन देखता है तुम्हें फिर रात भर पिघलता है।

ये चाँद तुम्हें पाने के लिए दिन में सोता है और रात भर चलता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance