जिंदगी की मीठी सीख
जिंदगी की मीठी सीख
एक छोटी सी थी लड़की
चहकती वो रहती थी
खुश रहो, मजे करो
सबसे वो ये कहती थी।
आँगन में सफ़ेद फूल
उसको नहीं पसंद थे
लाल पीले रंग दिए
उसने फूल बहुत से।
मैं बहुत उदास था
कहीं से वो आ गयी
मेरे संग बातें करके
मन को वो बहला गयी।
बच्चे कूड़ा बीनते थे
मिठाई थी वो बांटती
स्कूल तुम क्यों नहीं जाते
उनको थी वो डांटती।
कुत्ता एक ठिठुर रहा
सर्दी की वो रात थी
रजाई में सुला लिया
उस में कुछ तो बात थी।
एक दिन की बात है कि
रो रहा था उसका भाई
चॉक्लेट अपनी दी उसको
हंसी होठों पर थी आई।
जीवन में भर लो मिठास
नहीं तो सब कुछ फीका है
जिंदगी के इस सफर में
मैंने उससे सीखा है।