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मिली साहा

Children Stories Fantasy

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मिली साहा

Children Stories Fantasy

साइंस फिक्शन-टाइम मशीन

साइंस फिक्शन-टाइम मशीन

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क्या वास्तव में हम इंसान समय की यात्रा कर सकते हैं?

समय सीमा पार कर, भूत और भविष्य में, जा सकते हैं?


जिक्र होता आया है, 19वीं शताब्दी से ही कहानियों में,

संभावनाओं को सही ठहराया गया है, कई घटनाओं में,


इन्हीं कहानियों और कुछ घटनाओं को आधार मानकर,

कभी-कभी कल्पना में निकल जाते हम समय यात्रा पर,


ऐसी ही यह कहानी है दो दोस्तों की अद्भुत कल्पना की,

जिन्होंने हमय यात्रा की एक साथ मिलकर,भूतकाल की,


टाइम मशीन पर आधारित फिल्मों के, थे दोनों शौकीन,

सच मान लेते थे उन संभावनाओं को जो है नामुमकिन,


स्कूल से लौटते वक्त इसी विषय पर वो कर रहे थे चर्चा,

सोचने लगे दोनों काश टाइम मशीन हमें भी मिल जाता,


समय यात्रा कर भूत में जाने की, दोनों की इच्छा प्रबल,

कैसा हुआ करता पहले का जीवन, जानने की हलचल,


चलते चलते वो कहांँ पहुंँच गए,उन्हें पता भी नहीं चला,

तभी एक को महसूस हुआ किसी चीज से वो टकराया,


मुड़कर देखा तो, सामने उनके एक खुला दरवाजा था,

दरवाजे पर लगा हुआ, लाल और हरे रंग का बटन था,


भूत भविष्य में जाने की टाइम मशीन उसमें था लिखा,

खुश होकर दोनों ने अचानक लाल बटन को दबा दिया,


बटन दबाते ही दोनों दोस्त, भूत काल में प्रवेश कर गए,

देखकर सब कुछ अनोखा वहांँ का अचंभित वो रह गए,


अलग ही दुनिया थी यह, हर और बस जंगल ही जंगल,

ना घर थे, ना सड़कें, ना ही बस कार ट्रक या साइकिल,


दूर-दूर तक किसी इंसान का, नहीं था कोई अता पता,

खाने के लिए न कोई रेस्टोरेंट था और न ही कोई ढाबा,


हर ओर नदी तालाब, पहाड़ और जंगली जानवर थे भरे,

अचानक पैरों में कुछ महसूस हुआ, जहांँ पर थे वो खड़े,


पलक झपकते ही लड़खड़ा कर, दोनों वहीं गिर जाते हैं 

संभालते संभालते सामने कुछ विशाल लोगों को पाते हैं,


लंबा कद,लंबे बिखरे बाल और तन पे पशुओं की छाल,

क्रूरता से देख रहे थे दोनों को, पकड़ कर हाथों में भाल,


घबराकर बोले दोनों बाप रे आदिवासी आ गए कहांँ से,

किसी तरह से खुद को बचा कर वे भाग निकले वहांँ से,


पर मुसीबत अभी टली नहीं, आदिवासी उनके ही पीछे,

हिम्मत दे रही थी जवाब, सोच रहे दोनो, कैसे जान बचे,


वो आदिवासी किसी भी हालत में रुकने को तैयार नहीं,

डर था दोनों को यही, कर दें कहीं वो, भाले से वार नहीं,


सोच ही रहे थे कि सामने से आदिवासियों ने किया वार,

घबराकर पास ही, एक पेड़ की टहनी पर, हो गए सवार,


कुछ देर वही रहे दोनों देखा आदिवासी सब चले गए थे,

अब दोनों वापस जाने के लिए, टाइम मशीन ढूंँढ रहे थे,


बहुत ढूंँढा टाइम मशीन पर सारी कोशिश हो गई बेकार,

मायूस होकर, बैठ गए वहीं जंगल में दोनों, मानकर हार,


अब भूतकाल में रहने के अलावा नहीं बचा कोई उपाय,

प्रश्न था यहांँ रहने के लिए आदिवासियों को कैसे मनाए,


दोनों ने तरकीब लगा कर, आदिवासियों को मना लिया,

टाइम मशीन से यहांँ आने का, इतना बड़ा झटका लगा,


वर्तमान में उनका कोई व़जूद था रहा किसी को याद नहीं,

दोनों गायब हुए वर्तमान से ऐसे, जैसे वो कभी थे ही नहीं।



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