खुद को संभालो
खुद को संभालो
मैंने कभी सोचा ना था
उसके चले जाने के बाद
जीवन में क्या - क्या बदलाव आएंगे
सच कहूं तो
उससे दूर होने का सोचा ही ना था
हाँ, मेरा बिखरना तो तय था
क्यूँ कि वो हमेशा कहा करता था
खुद को संभालो
किसी दिन मैं आगे बढ़ गया तो तुम कैसे जियोगी
मैं हमेशा कहा करती थी
"मैं तुम्हें जाने ही न दूंगी
हमारा रिश्ता इतना भी कच्चा नहीं है
कि यूँही बिखर जाए "
लेकिन मैं गलत थी
मैं तो उसके दूर होने के ख्याल से भी
काँप उठती थी
पर उसने फिर भी ना जाने क्यूँ
आगे बढ़ना ही जरूरी समझा
अब जो होना था
वो तो हो गया
ज़िन्दगी तो जीनी ही पड़ेगी
भले ही आप गिरो, टूटो या फिर बिखरो
खुद- को- खुद का सहारा देकर
संभालना पड़ेगा
और नई राह दिखानी पड़ेगी
भले ही वो कोई लालच हो, उम्मीद हो या फिर कोई प्रेरणा
खुद का सहारा तुम्हें खुद ही बनना पड़ेगा।

