बदलाव रिश्तों के
बदलाव रिश्तों के
तुम मेरी ज़िन्दगी में
साइंस फिक्शन से कम थोड़े हो
तुम्हें हर पल ऐसे महसूस करना
जैसे तुम मेरे करीब हो
अपनी हर गलती पर
खुद को तुम्हारी तरह डांटना
हर असफल राह पर
खुद के भीतर उम्मीद जगाना
क्यूँ कि तुमने कभी मेरी उम्मीद को
हारने ही नहीं दिया
हाँ, बदलाव आये हमारे रिश्ते में
पर तुम्हारी यादों ने
मेरा साथ कभी ना छोड़ा।

