बदलाव रिश्तों के
बदलाव रिश्तों के
1 min
377
तुम मेरी ज़िन्दगी में
साइंस फिक्शन से कम थोड़े हो
तुम्हें हर पल ऐसे महसूस करना
जैसे तुम मेरे करीब हो
अपनी हर गलती पर
खुद को तुम्हारी तरह डांटना
हर असफल राह पर
खुद के भीतर उम्मीद जगाना
क्यूँ कि तुमने कभी मेरी उम्मीद को
हारने ही नहीं दिया
हाँ, बदलाव आये हमारे रिश्ते में
पर तुम्हारी यादों ने
मेरा साथ कभी ना छोड़ा।