सफलता की राह
सफलता की राह
मैं हार गयी थी
अंत में यह सोच कर
कि तुम्हारे बिना जीऊंगी कैसे
पर मेरे आँसुओं ने
मुझे इतनी ताकत दी
कि मुझे हारती हुई को भी
सफल बना दिया
हाँ नहीं पता था मुझे
किसी के बिना जिया कैसे जाता है
मेरी मुस्कान ने मेरा सारा ग़म भुला दिया
किसी रोज़ मुलाक़ात में
तुमसे पूछना यह जरूर चाहूंगी
तुमने किसी के दिल में कौन - सा स्थान पा लिया।

