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Gurpreet Kaur

Romance Fantasy

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Gurpreet Kaur

Romance Fantasy

तुम्हारी ओर

तुम्हारी ओर

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तुम एलियन हो क्या

जो दिखाई ही नहीं देते आज कल

आँखों से ओझल होना तुम्हें अच्छा लगता है क्या

हर बात पर बहाना

हर झगड़े के बाद तुम्हारा छिप जाना

और

शिकवे - शिकायतों के बाद दूर - दूर जाना

मुझसे नहीं होता चीखना - चिल्लाना

अब बस बहुत हुआ

तुम जो भी हो

मुझे अब तुम्हारी ओर नहीं आना।


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