श्राद्ध
श्राद्ध
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अब मृत्यु तिथि का भी मोल हो गया
संपूर्ण जीवन का झोल
सोलह दिनों में पूर्ण गया
आज मानव निष्पाप हो गया।
जिनको सताया उनसे ही उद्धार हो गया।
आज हमारा श्राद्ध हो गया।
फिर मोह, माया से मुक्त हो गया
पितरों के लिए हृदय फिर से रिक्त हो गया।
सूक्ष्म शरीर का आज फिर से श्राद्ध हो गया।