अनुराग
अनुराग
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जब फूल खिलखिलाते हैं
जब भौंरे गुनगुनाते हैं
तब अनुराग की बेला होती है।
जब कोयल गीत गाती है
जब मयूर नाच दिखाता है
तब अनुराग की बेला होती है।
जब बच्चे की किलकारी होती है
मां बाप की उम्मीद जवान होती है
तब अनुराग की बेला होती है।
जब गोरी की चूड़ियां खनकती हैं
पायल छमाछम छनकती है
तब अनुराग की बेला होती है।
कल्पनाओं में सजीव कोई हो जाता है
निःशब्द होकर प्यारी सी मुस्कान दे जाता है
तब अनुराग की बेला होती है।
अनुराग समस्त अर्पण हो जाता है
मन तेरा, जब दर्पण मेरा हो जाता है।