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Padma Motwani

Inspirational

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Padma Motwani

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धुर्व तारा

धुर्व तारा

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सत्य है भारतीय पुराणों की बानी 

सुनाती हूं मैं धुर्व तारे की कहानी।

राजा उत्तानपाद व सुनीति की संतान

तपस्या से बनाई स्वयं की पहचान।


पिता की गोद में वह खेलने चला था

सौतेली मां को यह खलने लगा था।

गोद से उतार उसे दुत्कार दिया था

दुखी होकर सुनीति के पास चला था।


मां ने प्रभु के गोद की राह दिखाई

भक्ति और तपस्या की बात बताई।

यह प्रेरणा उसके मन को भायी

वन को चला, छोड़ दुनिया परायी।


जब वह नारद जी की नज़र में आया

उसने तपस्या छोड़ने को समझाया।

पर धुर्व का मनोबल शिखर पर छाया

नारद जी को भी मंत्र के लिए मनाया।


उस मंत्र से श्री हरि को प्रसन्न किया

जिसने तारा बनने का वरदान दिया।

तीनों लोकों में उसका तेज फैलाया

सप्तऋषि मंडल में उसे चमकाया।



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