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Padma Motwani

Abstract

4.5  

Padma Motwani

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गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस

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331


भारत स्वतंत्र हुआ, शुरू हुआ अपना शासन

कानून व्यवस्था बनी, बना अपना संविधान।

आज़ाद भारत का संविधान एक मिसाल है

अधिकार कर्तव्य का मेल बड़ा बेमिसाल है।


हर धर्म, हर जाति को मिलता यहां सम्मान

अनेकता में एकता अपने राष्ट्र की है शान।

प्राचीन परंपराओं संग लोकशाही का रंग है

बात बेबात लड़ने वाले तकलीफों में संग हैं।


संकट बहुत आए हैं आज़ाद हिन्द की चौखट पर

कठिनाइयां बहुत आई हैं प्रगति के हर मोड़ पर।

हिम्मत हौसला कभी न खोया, राह हम बनाते चले

गणतंत्र की नींव को इरादों से मजबूत बनाते चले। 


बस एक ही अरमान है, अमर रहे गणतंत्र हमारा

मानवता ही धर्म हो, विश्व बंधुत्व हो नारा हमारा। 

अनेकता में एकता हो, उजड़े नहीं चमन हमारा

सुख समृद्धि स्नेह से, लहराता रहे तिरंगा हमारा।


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