कलम की ताकत
कलम की ताकत


बड़े-बड़े झुक जाते जिसके आगे ये कलम बड़ी कमाल की होती है,
तलवार से भी होती तेज धार जिसकी वो इतिहास बदल सकती है,
कागज़ के मैदान पर शब्द रूपी हथियार लेकर उतरती जब कलम,
लगा देती है ऐसी चिंगारी जो भ्रष्टाचारियों की हिम्मत तोड़ देती है,
जनमानस के विचारों को झकझोर कर समाज में बदलाव लाती है,
सही हाथों में हो अगर कलम तो इसकी ताकत बेमिसाल होती है,
कभी हूंकार बनकर तो कभी संस्कार बनकर करे सदैव मार्गदर्शन,
विभिन्नताओं को एकता में जोड़ती ये कलम अंतर्मन को छू लेती है
आत्मसात कर कलम को कितने महान लेखकों ने रचाया है इतिहास,
कभी लिखा क्रांति की ज्वाला को तो कभी बेजुवानों के मन की बात,
लिखने का हुनर दिया जिन्हें ईश्वर ने वही कलम की ताकत पहचानता,
बन जाती है मिसाल कलम अगर सह
ी हाथों का मिल जाए इसे साथ,
कभी शांति की रोशनी बनती कलम तो कभी युद्ध का पैगाम बनती,
कभी बचाती निर्दोष के प्राण तो कभी अपराधी को फांसी तक ले जाती,
देश भक्ति रंग में रंग जाती कभी तो कभी बन जाती क्रांति की मशाल,
कभी करती है पाठकों का मनोरंजन तो कभी खड़ा कर देती भूचाल,
आंखों में पढ़ लेती है ग़म आंसुओं को भी शब्दों की ताकत से लिख देती है,
संगीत के लिखती है बोल जहां वहीं अनकहे प्रेम को भी बयां कर देती है,
प्रणय लिखती तो कभी ज्वाला इसे डर नहीं दुश्मनों की ललकार का,
स्वच्छंद लिखती है विचारों को आलोचनाओं से कभी नहीं वो घबराती है,
संभल कर उठाना चाहिए कलम ये हमारे संस्कारों का परिचय करवाती है,
बुद्धि, विवेक पर डालकर प्रकाश हमें पाठको के समक्ष प्रस्तुत करती है।