तेरे ही नाम
तेरे ही नाम
तू मेरा दिल, तू मेरी जान
फिर भी क्यों, है अंजान।
कभी कहीँ देखूँ जो तेरा नाम
दिल में उठती हैं हसरतें तमाम।
तेरी आँखों की गहराई छू लूँ मैं,
देखे जो मेरी तरफ तू एक बार।
तेरे हाथों में है कलम की स्याही
लिख दे कहानी दिल की ले अपना नाम।
चाहतों के बादल उमड़ते हैं तमाम,
आँचल लहरा के बरसा दे प्यार।
कुछ न रहा अब यहाँ मेरा,
अब तो जीवन तेरे ही नाम।

