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Bhawana Raizada

Abstract Inspirational

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Bhawana Raizada

Abstract Inspirational

समुद्र सा मन

समुद्र सा मन

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अनंत आकाश सा समुद्र, 

मन हो गया है ऐसे।

चंचल लहरों की तरह, 

तूफान उठ रहा हो जैसे ।

अथाह जल फिर भी अकेला

जैसे तन्हा मन में यादों का मेला।

विशाल शोभा, गति असमान

बहती यादें, हर पल हर शाम।

कितने मौसम कितने साल

मन भी मेरा खोजे अरमान।

बस कर, अब बढ़, न हो उदास

खुश हो, मंगल गाओ, साया तेरे साथ।

होश संभाल उठा कदम मिला ताल से ताल

तू कालजयी, तू अविनाशी बढ़ा अपनी चाल।


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